पाकिस्तान से लेकर इंडोनेशिया तक… रमजान में इतनी महंगी हो गई आपकी थाली
रमजान के महीने के दौरान पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की आम जनता को महंगाई का करंट लगा है. आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान से इंडोनेशिया तक महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. देश में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में लोगों को अब रमजान में ज्यादा जेब ढीली करनी होगी. पाकिस्तान जैसा अलाम इंडोनेशिया का भी है, जहां फल-सब्जियों से लेकर खाने की चीजों के दाम सातवें आसमान पर हैं. आलम ये है कि यहां सेब 400 रुपए किलो तो आलू 90 रुपए किलो बिक रहा है. आइए आपको बताते हैं इंडोनेशिया से पाकिस्तान तक रमजान में आपकी थाली कितनी महंगी हो गई है.
खाने-पीने की चीजों में 60 फीसदी इजाफा
महाकंगाल पाकिस्तान में महंगाई अपने चरम पर है. रमजान से पहले पाकिस्तान में महंगाई ने आम जनता की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं. पाकिस्तान में लंबे वक्त से मुद्रास्फीति दर 31.5 फीसदी पर बनी हुई है, वहीं कुछ चीजों की कीमतों में 60 फीसदी तक का इजाफा दर्ज हुआ है.
सेब 400 रुपए किलो
पाकिस्तान में फलों की कीमत सबसे ज्यादा बढ़ी है. अभी तक 120 रुपये प्रति दर्जन के भाव पर बिक रहे केले अब 200 रुपये के हो गए हैं. वहीं हरे सेबी की की कीमत 140 रुपये से बढ़कर 200 रुपये प्रति किलो हो गई है. लाल सुनहरे सेब अब 350 से 400 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहे हैं.अब पाकिस्तान में लोगों के लिए अमरूद खरीदना भी मुश्किल हो गया है. यहां पर अमरूद अब 200 से 250 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहे हैं. फलों में खरबूजे की कीमत अब 100 से 120 रुपये के मुकाबले 150 से 200 रुपये हो गई है.
आलू 90 तो शिमला मिर्च 400 रुपए किलो
फलों की कीमत के साथ अब पाकिस्तान में सब्जियों के भाव भी काफी बढ़ गए हैं. पाकिस्तान में अभी तक 50 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा आलू 90 रुपये का हो गया है. प्याज अब पाकिस्तान में 300 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. हरी मिर्च 200 रुपये से बढ़कर 350 रुपये की हो गई है. शिमला मिर्च के भाव 400 रुपये प्रतिकिलो हो चुके हैं. पत्तागोभी भी अब 150 रुपये में बिक रही है.
पाकिस्तान में आम आदमी का महंगाई से बुरा हाल है. पाकिस्तान में खाने-पीने से लेकर दूसरे उत्पादों की कीमत आसमान छू रही है. पाकिस्तान में आटा, चावल, चाय पत्ती, लाल मिर्च पाउडर, गुड़, सिगरेट, गेहूं आदि सभी कुछ लगातार महंगा हो रहा है. आम आदमी के लिए अब रोजमर्रा के सामान खरीदना मुश्किल हो जा रहा है.
इंडोनेशिया का भी बुरा हाल
पाकिस्तान से भी बुरा हाल इंडोनेशिया का है जहां 2023 की दूसरी छमाही में अल नीनो मौसम की घटना के कारण कृषि उत्पादन में गिरावट आई और खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई. खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के कारण पिछले महीने देश में मुद्रास्फीति की दर 2.75 प्रतिशत बढ़ गई. अक्टूबर में, एक किलो प्रीमियम चावल की कीमत 13,540 रुपये ($0.87) थी. रमजान में वही चावल 16,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है.
इंडोनेशियाई सरकार स्थानीय आपूर्ति बढ़ाने के लिए इस वर्ष 3.6 मिलियन मीट्रिक टन चावल का आयात करेगी. यह 2023 में आयात किए गए 3.5 मिलियन टन के शीर्ष पर है, और पिछले वर्षों में आयात किए गए चावल की मात्रा से तेज वृद्धि का संकेत देता है. 2019 से 2022 तक औसत वार्षिक चावल आयात 500,000 टन से कम था.
इंडोनेशिया में चीनी और खाना पकाने के तेल की कीमतें भी बढ़ रही हैं. रमजान के दौरान यहां चीनी की कीमतें 17,025 रुपये प्रति किलोग्राम हैं, जो नवंबर में 16,890 रुपये प्रति किलोग्राम थी. खाना पकाने का तेल वर्तमान में औसतन 15,720 रुपये प्रति लीटर है, जो मार्च के पहले सप्ताह में दर्ज 17,825 रुपये प्रति लीटर से कम है.