Delhi News: दिल्ली में मकान मालिकों के लिए जरूरी खबर, ये काम नहीं किया तो हो सकती है जेल, ले पूरी जानकारी

Haryana Update: लेकिन अब निगम टैक्स चोरों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। दिल्ली नगर निगम कर एवं कलेक्टर कुणाल कश्यप ने कहा कि देनदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और संपत्ति कर का भुगतान कम होना चाहिए। दिल्ली नगर निगम अधिनियम की धारा 152 के अनुसार, एमसीडी ने मामला दर्ज करने का प्रक्रिया शुरू किया है। इसके लिए, प्रत्येक क्षेत्रीय अधिकारी को ऐसी संपत्ति को चिह्नित करने का आदेश दिया गया है।

10 लाख रुपये से अधिक की टैक्स चोरी की स्थिति में, एमसीडी अधिनियम के अनुच्छेद 152ए के अनुसार देनदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। कर चोरी करने वाले को तीन महीने से लेकर सात साल की जेल और पचास प्रतिशत का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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पहले मैं आपको बता दूं कि एमसीडी की आय का सबसे बड़ा स्रोत संपत्ति टैक्स है। 2,000 करोड़ रुपये का वार्षिक संपत्ति कर अब तक मिल चुका है, और 3,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य है। दिल्ली में कुल 12 लाख मालिकों में से केवल पांच लाख टैक्स देते हैं। कम्पनी ने संपत्ति मालिकों को जानकारी देना शुरू किया था। बाद में, निगम ने संपत्ति मालिकों की संपत्ति को बैंक खाते में जोड़ा है।

निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, हालांकि अनुच्छेद 152 ए में 10 लाख रुपये से अधिक का संपत्ति कर बकाया होने पर मुकदमा दायर करने का प्रावधान है, निगम 2.5 लाख रुपये से अधिक का बड़ा बकाया पकड़ने के लिए मुकदमा दायर करेगा। उन्हें लगता था कि मामले संबंधित जिला अदालतों में भेजे जाएंगे। ऐसे कर्जदारों की सूची अधिकारी बना रहे हैं।

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