एडीबी ने भविष्य की महामारी संबंधी तैयारियों के लिए भारत के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने हेतु 170 मिलियन डॉलर का ऋण मंजूर किया

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने देश की स्वास्थ्य प्रणाली को बढ़ाने के उद्देश्य से 170 मिलियन अमरीकी डॉलर के नीति-आधारित ऋण को मंजूरी दी है।

एडीबी के अनुसार, यह ऋण, लचीले और परिवर्तनकारी स्वास्थ्य प्रणालियों के लिए सुदृढ़ और मापनीय कार्रवाई (स्मार्ट हेल्थ) उप-कार्यक्रम 1 का हिस्सा है, जिसे भारत सरकार की राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस नीति का उद्देश्य सभी नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, ताकि भविष्य में स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए तत्परता सुनिश्चित हो सके।

170 मिलियन अमरीकी डॉलर का ऋण

एडीबी से प्राप्त 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण भारत की स्वास्थ्य प्रणाली में खामियों को दूर करने तथा भविष्य की महामारियों से निपटने की क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एडीबी की वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ सोनालिनी खेत्रपाल ने कहा,

एडीबी की वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ सोनालिनी खेत्रपाल ने कहा, “कोविड-19 महामारी ने हमें बहुमूल्य सबक सिखाए हैं और कई नवीन प्रथाओं को अपनाने की सीख दी है, जो समेकित, सतत और संस्थागत होने पर महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को काफी मजबूत करेगी।”

एडीबी की वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ सोनालिनी खेत्रपाल ने कहा, “कोविड-19 महामारी ने हमें बहुमूल्य सबक सिखाए हैं और कई नवीन प्रथाओं को अपनाने की सीख दी है, जो समेकित, निरंतर और संस्थागत होने पर महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को काफी मजबूत करेगी। एडीबी भारत सरकार के साथ मिलकर अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने और परिवर्तनकारी समाधान अपनाने के लिए काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, “यह नीति-आधारित ऋण नीति, विधायी और संस्थागत शासन और संरचनाओं में अंतराल को भरने में मदद करेगा और महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के भारत के लक्ष्य में योगदान देगा।” कार्यक्रम सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए व्यापक रोग निगरानी प्रणाली स्थापित करेगा।

यह राज्य, संघ और महानगरीय क्षेत्रों सहित विभिन्न स्तरों पर संक्रामक रोग निगरानी के लिए प्रयोगशाला नेटवर्क स्थापित करेगा, जिससे उभरते स्वास्थ्य खतरों के लिए एक मजबूत और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।

यह पहल राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों, विशेष रूप से गरीबों और महिलाओं जैसे कमजोर समूहों के लिए, की निगरानी और समन्वय के लिए मजबूत डेटा प्रणालियों के विकास में सहायता करेगी।

ये डेटा प्रणालियाँ स्वास्थ्य सेवा वितरण में बेहतर प्रशासन और निर्णय लेने में सुविधा प्रदान करेंगी।

यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों को भी सहायता प्रदान करेगा, जिससे आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।

यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों को भी सहायता प्रदान करेगा, जिससे आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।

एडीबी पर्याप्त एवं सक्षम स्वास्थ्य कार्यबल सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत सुधारों के कार्यान्वयन में सहायता करेगा।

इसमें नर्सों, दाइयों, संबद्ध स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और डॉक्टरों की शिक्षा और पेशेवर आचरण के मानकों को विनियमित करने और बनाए रखने के लिए कानून शामिल हैं।

जलवायु-लचीली स्वास्थ्य सेवा

यह कार्यक्रम विभिन्न राज्यों में सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों को भी सहायता प्रदान करेगा, जिससे आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की उनकी क्षमता बढ़ेगी।

इस ऋण से पांच राज्यों और जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के प्रबंधन में सुविधा होगी, तथा संक्रामक रोगों और गहन देखभाल के लिए सेवाएं बढ़ेंगी।

गंभीर बीमारियों और स्वास्थ्य आपात स्थितियों के प्रबंधन के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु जिला गहन देखभाल अस्पताल ब्लॉकों में सुधार किया जाएगा।

यह पहल एक अंतरक्षेत्रीय शासी निकाय और एक बहुक्षेत्रीय कार्य बल के सहयोग से हरित और जलवायु-लचीली स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की स्थापना में सहायता करेगी।

इससे यह सुनिश्चित होगा कि स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचा टिकाऊ हो और जलवायु संबंधी चुनौतियों का सामना कर सके।

एडीबी स्वास्थ्य सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए नवीन समाधानों को अपनाने में सहायता करेगा, तथा यह सुनिश्चित करेगा कि स्वास्थ्य प्रणाली बदलती जरूरतों के प्रति संवेदनशील और अनुकूल हो।


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