Eid-al-Adha 2024: राजधानी की 10 मस्जिदों मे धूमधाम से मनेगी बकरीद

Eid al Adha 2024: इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के 12वें महीने जुल-हिज्जा (Dhu al-Hijjah) के दसवें दिन ईद उल अजहा (बकरा ईद) का त्योहार सोमवार (17 जून) को धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. बता दें ईद की तरह बकरा ईद की शुरुआत भी ईद की नमाज से होती है. ऐसे में आप इस्लाम (Islam) के दूसरे सबसे बड़े पर्व की नमाज दिल्ली के इन 10 मजिस्दों में अदा कर सकते हैं.

Eid al Adha 2024: बकरीद पर दिल्ली के इन मस्जिदों में अदा करें नमाज-

जामा मस्जिद- पुरानी दिल्ली
फतेहपुर मस्जिद- चांदनी चौक पुरानी दिल्ली
हजरत निजामुद्दीन दरगाह- निजामुद्दीन पश्चिम, दक्षिण दिल्ली
मस्जिद मोठ- साउथ एक्सटेंशन 2, दक्षिण दिल्ली
खिड़की मस्जिद- मालवीय नगर, दक्षिण दिल्ली
मोती मस्जिद- लाल किला, पुरानी दिल्ली
किला-ए-कुहना मस्जिद- पुराना किला, दक्षिण दिल्ली
सुनहरी मस्जिद- चादनी चौक, पुरानी दिल्ली
बेगमपुर मस्जिद बेगमपुर- दक्षिण दिल्ली
तुर्कमान गेट मस्जिद- तुर्कमान गेट, पुरानी दिल्ली

जानें बकरीद का महत्व

बकरीद का त्योहार मनाए जाने के पीछे पैगंबर हजरत इब्राहिम की कहानी जुड़ी है. जब अल्लाह ने सपने में उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज मांगी तो उन्होंने अल्लाह को अपनी सबसे प्यारी चीज के रूप अपने बेटे को सौंपने का फैसला कर लिया. अपनी आंखों पर पट्टी लगाकर पैगंबर हजरत इब्राहिम ने बेटे की कुर्बानी दे दी, लेकिन जब उन्होंने आंखों से पट्टी हटाई तो बेटा सही सलामत था और कुर्बानी के स्थान पर बकरा था. इसलिए बकरीद के दिन बकरे की कुर्बानी देने का महत्व है.

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बकरीद के दिन कुर्बानी दी जाती है. लोग नए कपड़े पहनते हैं, पकवान बनाए जाते हैं. मस्जिद में बकरीद की नमाज (Bakris Namaz) अदा की जाती है और घर पर रिश्तेदारों का आना-जाना होता है. बकरीद के दिन जानवर की कुर्बानी दी जाती है और इसके गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. इसमें से एक हिस्सा गरीबों में दान किया जाता है, जबकि दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों को दिया जाता है. बचे हुए आखिरी हिस्से को परिवार में रखा जाता है. 

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