आखिर कितने का होता है रेल का एक पहिया, जानकर हो जाओगे हैरान

Train Knowledge: भारत में रेल परिवहन का सबसे सस्ता साधन है. भारत में रेलवे ने लोगों की सुविधा के लिए हजारों किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाई है. रेलवे के संसाधन को तैयार करना बहुत महंगा है. रेलवे स्टेशन को बनाने से लेकर लाइन बिछाने तक में करोड़ों रुपये खर्च हो जाते हैं. वहीं, ट्रेन कोच के निर्माण की लागत भी करोड़ों में होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं ट्रेन के पहियों को बनाने में कितना खर्च होता है? अगर नहीं, तो चलिए आज आपको इसी के बारे में बताते हैं.

देश में हाई स्पीड, राजधानी, लोकल समेत कई तरह की ट्रेनें चलती हैं. इन ट्रेनों के कई पार्ट्स लोकोमोटिव कंपनियां बनाती हैं जबकि कुछ पार्ट्स को बाहर से भी इम्पोर्ट किया जाता है. भारत सरकार 1960 से ही हाई स्पीड ट्रेनों में इस्तेमाल होने वाले पहिये यूरोपियन देशों से मंगा रही है. इन पहियों को यूक्रेन, चेकोस्लोवाकिया और जर्मनी जैसे देशों से इम्पोर्ट किया जाता है. वंदे भारत जैसे हाई स्पीड ट्रेन के पहिये भी दूसरे देशों से इम्पोर्ट किये जा रहे हैं.

train wheel

अब देश में ही बनेंगे पहिये

साल 2022 में रेल मंत्रालय ने देश में ट्रेन के पहियों के निर्माण के लिए 45 दिन का टेंडर जारी किया था. सरकार ने मार्च 2024 में निर्माण शुरू करने का लक्ष्य रखा था. बता दें कि देश में ही ट्रेन के पहियों का निर्माण शुरू होने से बेहद कम खर्च में रेलवे को पहियों की आपूर्ति की जा सकती है. इससे रेलवे इम्पोर्ट को कम करके हर साल करोड़ों रुपये की बचत कर सकता है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिरकार ट्रेन के एक पहिये की लागत कितनी होती है. तो चलिए आपको बताते हैं…

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कितनी होती है ट्रेन के एक पहिये की कीमत?

रेलवे की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, ट्रेन के एक पहिये को इम्पोर्ट करने में करीब 70,000 रुपये का खर्च आता है. इम्पोर्ट करने के बाद पहियों को रेलवे के लोकोमोटिव प्लांट में असेंबल किया जाता है. पैसेंजर ट्रेन के एक कोच में 8 पहिये होते हैं. अगर एक पहिये के 70,000 रुपये के हिसाब से देखा जाए तो एक बोगी में पहियों का खर्च 5,60,000 रुपये होता है.

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