Mango: आम खाने के बाद मुंहासों की समस्या से मिलेगी राहत, बस अपनाएं ये खास तरीका
Haryana Update: आपको बता दें, की हर किसी के मन में कई प्रश्न होते हैं, जैसे हेल्दी रहने के लिए क्या खाना चाहिए और क्या खाने से बचें। यह गर्मियों में आने वाले अधिकांश लोगों का पसंदीदा फल है। किंतु कुछ लोगों को इसे खाने से एक्ने की समस्या हो सकती है। यहाँ इस समस्या से बचने के लिए आम खाने का सही तरीका बताया गया है। यहां हम कब्ज की समस्या से कैसे निपटें भी बता रहे हैं।
सवाल: मैं आम को बहुत पसंद करता हूँ। लेकिन मुझे लगता है कि ज्यादा खाने से मेरे चेहरे पर दाने आने लगते हैं। यह क्यों होता है और इसके लिए क्या उपाय हैं? -पालवी श्रीवास्तव, लखनऊ
जवाब: वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं कि आम की तासीर गर्म होती है और इसे खाने से एक्ने हो सकता है। यह सच है कि कुछ लोग आम खाने से एक्ने होने लगते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप आम खाना बंद कर दें क्योंकि यह बहुत से पोषक तत्वों से भरपूर है। नियमित भोजन के बाद एक्ने की शिकायत होने पर कुछ बातों का खास ध्यान रखें। आम को खाने से पहले कुछ घंटों के लिए ठंडे पानी में डुबोकर रखें।
आम को जल में डालने के कई लाभ हैं, आपको पता चलेगा कि कृत्रिम रूप से पके हुए आम को पानी में डालने पर वह तैरने लगता है. ऐसा करने से आम से अतिरिक्त फाइटिक एसिड और दूधिया पदार्थ निकल जाते हैं, जो एलर्जी पैदा करते हैं। कभी-कभी शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने से एक्ने की समस्या भी आम है। इसलिए संतुलित मात्रा में आम खाएं। एलर्जी के लिए जिम्मेदार पदार्थ अक्सर आम के छिलके में भी होते हैं।
यदि आपको आम खाने से एक्ने की समस्या हो रही है, तो आम का छिलका छीलकर उसे खाएं। साथ ही, आम का छिलका त्वचा से न संपर्क करें। साथ ही कोशिश करें कि आप सिर्फ प्राकृतिक रूप से पके हुए आम खाएं। यदि इन उपायों को अपनाने के बाद भी आपको आम खाने से एक्ने की समस्या हो रही है, तो एक त्वचा रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
सवाल: मेरे दो साल के बच्चे को अचानक कब्ज की समस्या होने लगी है। वह इतना दुखी है कि पॉटी करते समय रोने लगता है। यह समस्या जड़ से दूर करने के लिए मुझे डॉक्टरी परामर्श के अनुसार किस चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए? -निपुण वर्मा, नई दिल्ली
जवाब: छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या का मुख्य कारण खाना है। कब्ज का आसान शिकार प्रोसेस्ड फूड, दूध और उससे बने उत्पाद, अधिक मीठा भोजन और कम फाइबर वाले भोजन हैं। अगर आप भी अपने शिशु के आहार में ऐसी गलतियाँ कर रहे हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द सुधारने का प्रयास करें। चीज, फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड, मीट और आइसक्रीम को कम करने का प्रयास करें। गाय के दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन को पचा नहीं पाने के कारण कुछ बच्चों को कब्ज भी होती है।
दो सप्ताह तक बच्चे को गाय का दूध और उससे बनने वाले उत्पादों से दूर रखें, ताकि पता लगाया जा सके कि कब्ज में राहत मिल रही है या नहीं। पानी और अन्य तरल पदार्थों का कम सेवन करने से भी बच्चे को कब्ज की समस्या होती है और मल त्याग करने में मुश्किल होती है। बच्चे को बार-बार पानी, जूस और फल दें। बच्चे को चावल की जगह जौ और साबुत गेहूं की सीरियल्स दें। बच्चे को कच्चा केला नहीं देना चाहिए, बल्कि पका केला देना चाहिए। कच्चा केला कब्ज को बढ़ाता है। बच्चे को कब्ज से राहत दिलाने के लिए बेर, नाशपाती, आड़ू और आलू खाना चाहिए। बहुत अधिक कब्ज होने पर डॉक्टर भी दवा देते हैं। दवा का इस्तेमाल सिर्फ तब करें जब ऊपर बताए गए उपायों से कोई लाभ नहीं मिलता।