Chabahar Deal: अमेरिका की धमकी के बाद PM Modi ने तोड़ी चुप्पी, अमेरिका को दिया दो टूक जवाब
वास्तव में, इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने पीएम मोदी से इंटरव्यू के दौरान कहा, “देश की राजनीति से एक मिनट बाहर निकलकर ग्लोबल ऑर्डर की बात करें तो इस वक्त दुनिया की निगाहें भारत और भारत में चल रहे चुनाव पर हैं।” रूस और यूक्रेन में जारी संघर्ष अभी भी जारी है..।हमास और इजरायल के बीच संघर्ष जारी है..। ईरान के साथ लगातार तनाव है। पिछले पांच वर्षों में भारत की शक्ति काफी बढ़ी है. देश पहले 11वें स्थान पर था और अब पांचवें स्थान पर है। अगले पांच सालों में ग्लोबल हाई टेबल पर आप भारत का रोल क्या देखते हैं?’
जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘हम इस हिसाब से चीजों को क्यों देखते हैं? मूलभूत बात क्या है? अब तक हम क्या सोचते थे….? हमारा नैरेटिव ये था कि हम इससे इतने दूर हैं, हम उससे इतने दूर हैं. हम समान दूरी बरतते थे, हमारी डिप्लोमेटिक भाषा में यही चलता था, मैंने कहा, कुछ नहीं करना है अब… मेरी भाषा है कि हम कितने नजदीक हैं. अब दुनिया में ये प्रतिस्पर्धा शुरू हुई कि निकट कैसे जाएं इसके. पहले दूर रहने की प्रतिस्पर्धा थी, अब बदल गया. अब सब लोगों में निकट आने की प्रतिस्पर्धा चल रही है.’
ईरान के साथ चाबहार समझौता (Chabahar Deal) का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘अब कल ईरान में बहुत बड़ा निर्णय हुआ है. यह हिंदुस्तान के अखबारों की हेडलाइन न्यूज है. और मेरे मिनिस्टर चाहबहार ईरान में थे. चाहबहार पोर्ट का फाइनल अग्रीमेंट हुआ है, सेंट्रल एशिया से जुड़ा हुआ हमारी अर्थव्यवस्था का यह बहुत बड़ा काम हुआ है. हेडटेबल क्या होता है जी? इन सारी लड़ाइयों के बीच में मेरा चाबहार का अग्रीमेंट हो जाता है.’
अमेरिका की चेतावनी पर पीएम मोदी ने तोड़ी चुप्पी
भारत ने हाल ही में ईरान के साथ चाबहार पर समझौता किया है जिसके तहत अगले 10 सालों के लिए चाबहार बंदरगाह का सारा कामकाज भारत के जिम्मे रहेगा. इस समझौते को लेकर अमेरिका की तरफ से कहा गया कि कोई भी देश अगर ईरान के साथ बिजनेस डील करने पर विचार कर रहा है तो उसे इसके संभावित जोखिम के बारे में पता होना चाहिए. उसे पता होना चाहिए कि उस पर प्रतिबंध लग सकता है.
अमेरिका की इस चेतावनी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक कहा था कि चाबहार समझौते से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा इसलिए, इस तरह की संकीर्ण सोच नहीं रखी जानी चाहिए.
न्यूज चैनल को दिये इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने भी अप्रत्यक्ष तरीके से अमेरिका को जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘हम किसी तीसरे के आधार पर अपना निर्णय नहीं करेंगे. हम निर्णय हमारे लिए करेंगे. फलाने को बुरा लगेगा तो? इससे बात करेंगे तो? जी नहीं…. मैं सबसे बात करूंगा. राष्ट्रपति पुतिन अगर मेरी भरपूर तारीफ करते हैं, इसका मतलब ये नहीं कि मैं राष्ट्रपति पुतिन को मिलकर यह नहीं कह सकता कि दिस इज नॉट टाइम फॉर वॉर (यह युद्ध का समय नहीं है). वो भी सम्मान करेंगे कि चलिए कोई मित्र है जो यह बताता है कि क्या सही है, क्या गलत है. यूक्रेन को भी मुझ पर इतना ही भरोसा है. मुझ पर यानी भारत पर.’
अमेरिका और रूस के साथ बैलेंस को लेकर पीएम मोदी ने कहा- मैं मानता हूं कि ये सब तब होता है जब आपके इरादे नेक हों, आपके प्रति विश्वास हो तो चोरी छुपे और अमेरिकंस से पूछ करके नहीं करना होता है. वैसे ही, मैं रशिया से, मेरे देश को सस्ते में पेट्रोल चाहिए तो मैं लूंगा. मेरे लिए जरूरी है तो मैं करूँगा. मैं छुपाता नहीं हूँ और मैं अपने टर्म्स पर मेरे देश को चलाता हूँ.