डायबिटीज को बढ़ावा देती है नींद की कमी, हो सकता है नुक्सानदायक

Haryana Update, Side Effects Of Less Sleep: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके प्रभाव से छुटकारा पाना नामुमकिन है। यह रोग एक बार आ जाने पर जीवन भर के लिए आपके साथ रहता है और इसका कोई सीधा इलाज नहीं है। इसलिए, इसे कंट्रोल में रखना ही बचाव का मुख्य साधन है। डायबिटीज में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शरीर के हर अंग को प्रभावित कर सकता है और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

नींद की कमी और डायबिटीज:

नींद की कमी डायबिटीज के प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकती है। नींद की कमी के कारण इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसके अलावा, नींद कम होने पर मनुष्य को खाने की अधिक भूख लगती है और उसे अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों की आकांक्षा होती है, जिससे भी ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि हो सकती है।

नींद की कमी और इंसुलिन रेजिस्टेंस:

नींद की कमी के कारण शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम करते हैं और इंसुलिन रेजिस्टेंस उत्पन्न होती है। यह भी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है और डायबिटीज को कंट्रोल करने में समस्या उत्पन्न कर सकता है।

नींद की कमी और खाने की क्रेविंग:

नींद की कमी के कारण अक्सर लोग मिड-नाइट स्नैकिंग का शिकार होते हैं और जंक फूड्स खाने की आदत डालते हैं। इससे भी ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि होती है और डायबिटीज को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।

नींद की कमी और सार्केडियन रिदम:

नींद की कमी से सार्केडियन रिदम में असंतुलन होता है, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। नींद की कमी के कारण इस रिदम में असंतुलन होने से डायबिटीज को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।

नींद की कमी और ग्लूकोज टॉलिरेंस:

नींद की कमी के कारण शरीर ग्लूकोज का मेटाबॉलिज्म सही प्रकार से नहीं कर पाता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि हो सकती है। इसलिए, पूरी नींद लेना डायबिटीज को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण होता है।

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