Delhi में यहाँ बनने जा रहा है Expressway

देश में रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से काम हो रहा है. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कई एक्सप्रेसवे और हाईवे बनाए जा रहे हैं. इनमें सबसे महत्वकांक्षी रोड प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है. लेकिन, इसके अलावा भी देश में कई एक्सप्रेसवे हैं जो देश के अलग-अलग महानगरों को दूसरे शहरों से जोड़ेंगे. इन सभी एक्सप्रेसवे और हाईवे की लंबाई 400, 500 से लेकर 1300 किलोमीटर तक है. लेकिन, क्या आप देश के सबसे छोटे एक्सप्रेसवे के बारे में जानते हैं जिसकी लंबाई महज 29 किलोमीटर है लेकिन खासियतों के मामले में यह बड़े-बड़े एक्सप्रेसवे से कम नहीं है।

देश का यह सबसे छोटा और पहला 8 लेन एक्सेस कंट्रोल एलिवेटेड एक्सप्रेसवे है, जो दिल्ली और हरियाणा के बीच बन रहा है. द्वारका एक्सप्रेसवे के बनने से एनसीआर में रहने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मार्च को द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा सेक्शन का उद्घाटन किया है. मैजिक ब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे अगस्त 2024 तक ऑपरेशनल हो जाएगा. आइये आपको बताते हैं दिल्ली-द्वारका एक्सप्रेसवे की खासियतें।

कहां स्थित है यह एक्सप्रेसवे

द्वारका एक्सप्रेसवे के बनने से एनसीआर में बढ़ते ट्रैफिक का बोझ कम होगा. नेशनल हाईवे -48 पर दिल्ली और गुरुग्राम के बीच भीड़भाड़ कम होगी. यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के पास शिव मूर्ति को खेड़की दौला टोल से जोड़ेगा. यह एक्सप्रेसवे, नेशनल हाईवे 8 पर शिव-मूर्ति से शुरू होता है और खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास जाकर खत्म होता है।

यह एलिवेटेड 8 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे भारत में अपनी तरह का पहला एक्सप्रेसवे है. इसमें सुरंग, अंडरपास, फ्लाईओवर और एलिवेटेड स्ट्रक्चर शामिल हैं.

क्यों खास है द्वारका एक्सप्रेसवे

-द्वारका एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 29 किलोमीटर है, जिसमें से 18.9 किमी हरियाणा में पड़ता है, जबकि शेष 10.1 किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली में आता है.

-द्वारका एक्सप्रेसवे भारत का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस कंट्रोल अर्बन एक्सप्रेसवे है. इसमें 9 किलोमीटर लंबा और 34 मीटर चौड़ा एलिवेटेड रोड है.

-द्वारका एक्सप्रेसवे का निर्माण 9,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर किया जा रहा है.

-आईजीआई एयरपोर्ट के पास एक्सप्रेसवे के दिल्ली सेक्शन में 8 लेन, 3.6 किमी उथली सुरंग होगी. खास बात है कि इस टनल का एक हिस्सा विस्फोट-रोधी है.

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