किसानों की तो भई निकल पड़ी…

Haryana Update: केंद्र सरकार ने छह पड़ोसी देशों- बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), भूटान, बहरीन, मॉरीशस और श्रीलंका को 99,150 एमटी प्याज के निर्यात की अनुमति दे दी है. बता दें पर्याप्त घरेलू उपलब्धता सुनिश्चित करने और कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है

विशुद्ध रूप से निर्यात-उन्मुख होने के कारण, उच्च बीज लागत, अच्छी कृषि पद्धति (जीएपी) को अपनाने और सख्त अधिकतम अवशेष सीमा (एमआरएल) आवश्यकताओं के अनुपालन के कारण सफेद प्याज की उत्पादन (onion production) लागत अन्य प्याज की तुलना में अधिक है. उपभोक्ता मामले विभाग के मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत रबी-2024 में से प्याज की बफर खरीद का लक्ष्य इस साल पांच लाख टन तय किया गया है.
 खरीदारों के लिए एनसीईएल की पेशकश दर गंतव्य बाजार और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू बाजारों में प्रचलित कीमतों को ध्यान में रख कर तय किया गया है. छह देशों को निर्यात के लिए आवंटित कोटा की मांग के अनुसार आपूर्ति की जा रही है. एनसीईएल द्वारा निर्यात के लिए प्राप्त प्याज का प्रमुख आपूर्तिकर्ता महाराष्ट्र है, जहां देश में इसका सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. 

 

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