Polycab India के शेयर में दिखी उछाल,निवेशक हुए हैरान

Haryana Update, Polycab India Share: भारतीय शेयर मार्किट में काफी सभी बड़े बड़े कंपनी लिस्टेड है और उस्समे से ही एक थी पॉलीकैब इंडिया। इसके शेयर में बी काफी उतर चढ़ाव देखने को मिल है। लेकिन जनवरी में इसके शेयर ऑल टाइम लौ पर पहुंच गए थे जिसका कारण इनकम टैक्स की छापेमारी को मन जाता है। पॉलीकैब इंडिया देश की दिग्गज कंपनी में से एक थी। लेकिन शेयर आल टाइम लौ होने के बाद लोगो के इस से उम्मीद ख़तम हो गए थी, लेकिन लोगों की सोच के विपरीत पॉलीकैब इंडिया के शेयर मंगलवार को रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए। 

शेयर के रेट 

मंगलवार को मार्किट की शुरुआत्त के साथ हे शेयर में उछाल देखने को मिली थी। निवेशकों को इस की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी ,शेयर में 2% का उछाल देखने को मिला था।  पॉलीकैब इंडिया का मार्केट कैपिटलाइजेशन है 86,240 करोड़ रुपये। केबल कंपनी का शेयर मार्केट ओपन होने पर 5,630.05 रुपये के लेवल पर ओपन हुआ था और कारोबार के दौरान नए ऑल टाइम हाई लेवल 5,789 रुपये के लेवल तक गया. इस शेयर में फिर दोपहर के 1:20 पर फिर थोड़ी गिरावट देखने को मिली जिस कारण ये । ७७% पर 5,740 रुपये के लेवल पर पहुंच गया। 

चार महीने में इतनी बढ़ गई कीमत

बीते पांच दिन में ये स्टॉक 5 फीसदी चढ़ा है और इसकी कीमत में 235.20 रुपये की तेजी आई है. निवेशकों को करीब 12 फीसदी का रिटर्न हासिल हुआ है. बीते चार महीने में पॉलीकैब शेयर की परफॉर्मेंस में करीब 50 फीसदी की बढ़त हासिल की है. ये बात सभी को बहुत हैरान क्र रही है की छापेमारी के बाद भी कंपनी के शेयर इतनी गिरावट के बाद भी ऊपर उठ गए। 

50 से अधिक स्थानों पर छापेमारी हुई

बीते 10 जनवरी को पॉलीकैब इंडिया लिमिटेड (Polycab India Ltd.) के स्थानों पर छापेमारी की गई। उस समय कंपनी ने पुणे, औरंगाबाद, मुंबई और नासिक के अलावा गुजरात और दिल्ली में 50 से अधिक स्थानों पर खोज अभियान चलाए थे। Income Tax Raid के दौरान इन स्थानों से कई दस्तावेज जब्त किए गए, जिसमें पॉलीकैब ने बड़ी मात्रा में कर चोरी की पुष्टि हुई। इनकम टैक्स मंत्रालय ने बताया कि जांच के दौरान कंपनी ने लगभग 1000 करोड़ रुपये की नकद बिक्री की, जो कहीं भी दर्ज नहीं की गई थी।

पॉलीकैब कैसे काम करते हैं? 

Polycap शेयर 11 जनवरी को आयकर की छापेमारी के अगले दिन 22% से अधिक गिर गया और फिर कुछ समय तक भारी गिरावट जारी रही। इस गिरावट के दौर में, कंपनी में निवेश करने वाले लोगों की हालत भी खराब हुई। कम्पनी फ्लेक्सिबल, बिल्डिंग वायर, सोलर, कंट्रोल, पावर और इंट्रूमेंटेशन केबल बनाती है। 1983 में इस कंपनी की स्थापना हुई थी। 

Similar Posts