वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने किया बड़ा ऐलान, गेहूँ, चीनी, प्याज के निर्यात से नहीं हटेगा प्रतिबंद


Haryana update:  शनिवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार के पास फिलहाल चावल, गेहूं और चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियों को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। गोयल ने कहा कि भारत भी गेहूं और चीनी का आयात नहीं करना चाहता। “गेहूं, चावल और चीनी पर निर्यात प्रतिबंध हटाने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है,” उन्होंने कहा। भारत भी चीनी और गेहूं का आयात नहीं करेगा।

मई 2022 में भारत ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया ताकि घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। जुलाई 2023 से गैर-बासमती चावल का निर्यात भी प्रतिबंधित है। अक्टूबर 2023 में सरकार ने चीनी निर्यात पर भी रोक लगा दी। साथ ही, उन्होंने कहा कि गेहूं और चीनी का आयात करने की “न तो कोई योजना है और न ही इसकी कोई जरूरत है।‘’

उनका कहना था कि गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारत अपने पड़ोसी देशों को खाद्य सुरक्षा के लिए चावल दे रहा है। उनका कहना था कि भारत ने इंडोनेशिया, सेनेगल और गाम्बिया को चावल भेजा है।
उन्होंने आगे कहा कि इन वस्तुओं के निर्यात पर पाबंदी हटते ही इनकी खुदरा कीमतें बढ़ सकती हैं। उनका कहना था कि सरकार किसानों की सुरक्षा पर भी ध्यान दे रही है, इसलिए सरकारी स्तर पर प्याज की भरपूर खरीद हो रही है। सरकार अहमदनगर, नासिक, होशंगाबाद, सोलापुर और पुणे में प्याज 19 से 23 रुपये प्रति किलोग्राम खरीद रही है।

चीनी प्याज की कीमतों में वृद्धि के बाद कुछ महीनों पहले ही इसके निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। गेहूं निर्यात पर एक साल से अधिक समय से प्रतिबंध के कारण महंगाई ने चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, दिसंबर 2023 में खुरा महंगाई दर 5.69% हुई। दिसंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 9.53% थी, जो 2022 में 4.19% थी।

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