हवाई यात्रा करना हो सकता है सस्ता, दो महीने में 10 फीसदी कम हुआ जेट फ्यूल रेट

हवाई यात्रा करना हो सकता है सस्ता, दो महीने में 10 फीसदी कम हुआ जेट फ्यूल रेट

जुलाई से अक्टूबर तक लगातार चार महीले में जेट फ्यूल यानी एयर टर्बाइन फ्यूल को महंगा करने के बाद लगातार दूसरे महीने में ऑयल कंपनियों ने एयरलाइन कंपनियों को राहत दी है. पहले नवंबर और उसके बाद दिसंबर में जेट फ्यूल के दाम में कटौती की है. नवंबर के महीने में देश की राजधानी में जेट फ्यूल के दाम में साढ़े पांच फीसदी से कम कटौती की थी. दिसंबर के महीने में साढ़े 4 फीसदी से ज्यादा की कटौती की है.

जिसकी वजह से राजधानी दिल्ली में जेट फ्यूल की कीमत 10 फीसदी से ज्यादा कम हो गई है. इसका मतलब है कि हवाई कंपनियों को महंगे फ्यूल से राहत मिलेगी. जिससे कंपनियों की रनिंग कॉस्ट में कमी आएगी. जिसका फायदा आम हवाई यात्रियों को सस्ती टिकट के रूप में मिल सकता है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश की राजधानी दिल्ली में जेट फ्यूल के दाम कितने हो गए हैं.

दो महीने में 6 फीसदी से ज्यादा टूटे दाम

देश की राजधानी दिल्ली में जेट फ्यूल के दाम में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. मौजूदा समय में राजधानी दिल्ली में एटीएफ के दाम 1,06,155.67 रुपए किलोलीटर हो गए हैं. जबकि नवंबर के महीने में यही दाम 1,11,344.92 किलोलीटर थे. इसका मतलब है कि दिल्ली में कटौती नवंबर के मुकाबले 4.66 फीसदी यानी 5,189.25 रुपए किलोटर की हुई है. जबकि जबकि अक्टूबर के महीने में दिल्ली में एटीएफ का प्राइस 1,18,199.17 रुपए प्रति किलोटर था. दो महीने में यह गिरावट 10.18 फीसदी यानी 12,043.5 रुपए प्रति किलोलीटर की आ चुकी है.

जुलाई से अगस्त तक ऐसे बढ़े थे दाम

लगातार दो महीने कटौती से पहले लगातार चार महीने तक राजधानी दिल्ली में जेट फ्यूल के दाम में इजाफा देखने को मिला है. आखिरी बार 1 अक्टूबर को, जब दरों में 5,779.84 रुपये प्रति किलोलीटर या 5.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी. इससे पहले एटीएफ की कीमतें 1 सितंबर को अब तक की सबसे तेज 14.1 प्रतिशत (13,911.07 रुपये प्रति किलोलीटर) और 1 अगस्त को 8.5 प्रतिशत या 7,728.38 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ी थीं. 1 जुलाई को एटीएफ की कीमत 1.65 फीसदी या 1,476.79 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ गई थी. चार बढ़ोतरी में एटीएफ की कीमतें रिकॉर्ड 29,391.08 रुपये प्रति किलोलीटर बढ़ गई हैं. जेट फ्यूल की कीमतों में शुक्रवार की कटौती, जो किसी एयरलाइन की ऑपरेशनल कॉस्ट का 40 फीवदी होती है, पहले से ही फाइनेंशियली परेशान एयरलाइनों पर बोझ कम कर देगी.

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