‘मुफ्त’ में नहीं मिलना चाहिए कुछ भी, चुनावी माहौल में नारायण मूर्ति का बड़ा बयान
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस की नींव रखने वाले उद्योगपति एन. नारायण मूर्ति अपने बयानों के लिए अक्सर चर्चा में रहते हैं. अब उन्होंने देश में अलग-अलग सरकारों द्वारा दी जा रही ‘मुफ्त’ योजनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बिलकुल मुफ्त में कुछ भी देने से दूरी बनाने की बात कही है. बल्कि मुफ्त की बिजली, पानी या अनाज के बदले में लोगों से कुछ रिटर्न लेने की बात कही है.
देश में केंद्र सरकार से लेकर अलग-अलग राज्य की सरकारें लोगों को मुफ्त राशन, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, मुफ्त बस यात्रा, मुफ्त इलाज से लेकर कई तरह के नकद भत्ते और निधि दे रही हैं. हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भी राजनीतिक दलों ने कई मुफ्त सुविधा एवं सेवा देने के वादे किए हैं, ऐसे में नारायण मूर्ति का ये बयान काफी अहम है. उनका कहना है कि वह सब्सिडी दिए जाने के विरोध में नहीं है, लेकिन ये ‘बिलकुल मुफ्त’ नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके बदले में कुछ लिया जाना चाहिए.
‘मैं भी गरीब घर से हूं…’
एन. नारायण मूर्ति यहां बेंगलुरू टेक समिट में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ” लोगों को जो सेवाएं और सब्सिडी दी जाती है. उसके बदले में उनसे रिटर्न में ऐसा कुछ मांगा जाना चाहिए, जो उनके अंदर खुद के लिए कुछ करने की इच्छा जगाए और उनके भविष्य के लिए बेहतर हो.”
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मूर्ति ने कहा, ” उदाहरण के लिए सरकार अगर किसी को मुफ्त बिजली दे रही है, तो वह बदले में लोगों से कह सकती है वह अपने बच्चों की स्कूल में अटेंडेंस ठीक करवाएं, तभी उन्हें मुफ्त बिजली मिलेगी. मैं मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी के खिलाफ नहीं हूं. मैं इसे अच्छे से समझता हूं, क्योंकि एक समय में मैं भी गरीब परिवार से आता था. लेकिन इस तरह से कुछ रिटर्न लेना उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छा होगा.”
‘भारत में लगना चाहिए ज्यादा टैक्स’
नारायण मूर्ति यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि भारत में अगर हमें एक प्रभावी और भ्रष्टाचार-मुक्त सिस्टम बनाना है. तो निश्चित तौर पर हमें ज्यादा टैक्स देना होगा, जैसा कि विकसित देशों में है. अगर मुझे ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा तो निजी तौर पर मुझे कोई परेशानी नहीं है.