Delhi Weather : दिसम्बर शुरू होते ही दिल्ली पर मंडराए काले बादल, 3 दिन की बारिश बढ़ाएगी ठंड
यही कारण है कि बादलों और बारिश के दौरान कमरे का तापमान बढ़ जाता है। धुप नहीं होने से अधिकतम तापमान में गिरावट होनी चाहिए। मौसम विभाग का कहना है कि शुक्रवार को भी हल्का बादल रहेगा। दो दिसंबर को आसमान साफ होगा। लेकिन तीन और चार दिसंबर को आंशिक बादल फिर से दिखाई देंगे। पांच दिसंबर को आसमान फिर से साफ रहेगा।
सप्ताह भर मौसम कैसा रहेगा?
दिल्ली में गुरुवार को सबसे अधिक 25.1 डिग्री तापमान रहा, मौसम विभाग ने बताया। यह औसत से 1 डिग्री कम है। वहाँ सबसे कम तापमान 12.6 डिग्री था। यह औसत से दो डिग्री ऊपर रहा। शुक्रवार को कुछ बादल होंगे। सुबह हल्का कोहरा हो सकता है। तापमान 25 डिग्री से 13 डिग्री तक हो सकता है। दो से छह दिसंबर तक, अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 11 से 12 डिग्री सेल्सियस रह सकता है।
UP Scheme For Women : योगी सरकार ने महिलाओं को दी बड़ी सौगात, बसों में बिना टिकट के यात्रा कर सकती है महिलाएं
प्रदूषण फिर बढ़ा, आठ जगह दिल्ली में हवा ‘गंभीर’
दिल्ली-एनसीआर की हवा अच्छी नहीं है। हवा की गुणवत्ता फिर से “बहुत खराब” श्रेणी में आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सुबह 10 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 373 रिकॉर्ड किया। 8 स्थानों पर, AQI 400 तक पहुंच गया, जो “गंभीर” हवा है।
मुंडका में 433, बवाना में 411, वजीरपुर में 431, विवेक विहार में 409, जहांगीरपुरी में 415, अशोक विहार में 406, नेहरू नगर में 405 और पंजाबी बाग में 434 AQI दर्ज किए गए। मौसम विभाग का कहना है कि कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। 1 दिसंबर को भी बौछार होने की उम्मीद है। 2 दिसंबर से हल्का कोहरा होने की उम्मीद है। सुबह का सबसे कम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस था, जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक था।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सुबह कहा कि अब हवा की गति काफी धीमी हो गई है, इससे चलते प्रदूषण के स्तर में बदलाव होगा। कल इसके लिए एक बैठक हुई थी। निर्देश सभी विभागों को भेजे गए हैं ताकि कोई लापरवाही नहीं होगी। GRAP-3 के प्रतिबंधों को हटा दिया गया है, लेकिन सभी विभागों को GRAP-1 और GRAP-2 के निवारक उपायों को सख्ती से लागू करना होगा। धीमी हवा की गति से प्रदूषण बढ़ता है।
नवंबर में प्रदूषण की कमी क्यों नहीं हो सकती?
प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली और एनसीआर को मिलकर काम करना होगा। लेकिन सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने से बहस शुरू हो जाती है। दिल्ली-एनसीआर में भी तालमेल नहीं है। पिछले तीन वर्षों से ग्रैप को अनुमान के आधार पर लागू किया गया है।
लेकिन मौसम एजेंसियां अभी भी इसका सही आकलन नहीं कर सकती हैं। इसलिए ग्रैप लगाते समय वह नहीं दिखता। पराली और गाड़ी का प्रदूषण कम नहीं हुआ है। दिल्ली और एनसीआर में ग्रैप को लेकर नियम लागू नहीं होते। नवंबर समाप्त हो गया,
लेकिन घोषणा के अनुरूप पर्यावरण सेवा बस अभी भी दिल्ली में नहीं चल रही है। अब पार्किंग की कीमतें बढ़ा ही नहीं सकते, क्योंकि यह लोगों को बाहर निकलने से रोकता है। इन परिस्थितियों में, लोग नवंबर में प्रदूषण की वजह से दिल्ली छोड़ देना ही बेहतर समझते हैं।