Delhi Pollution: जानिए क्या है दिल्ली में प्रदुषण का हाल, कितना रहा एक्युआई

Delhi Pollution: दिल्ली में पिछले कुछ समय से प्रदूषण गंभीर और अति गंभीर स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन सोमवार को हुई हल्की बारिश ने स्थिति को कुछ राहत दी है। सोमवार रात साढ़े आठ बजे तक दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में 7.2 मिमी बारिश हुई। राजधानी दिल्ली और दिल्ली से सटे इलाकों में बारिश के दौरान वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है।

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदूषक तत्वों के विघटन में मदद मिली है, जिससे हवा की गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार सुबह आठ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 365 था, जबकि सोमवार शाम चार बजे 395 था। रविवार को 395, शनिवार को 389, शुक्रवार को 415, बृहस्पतिवार को 390 और बुधवार को 394 में एक्यूआई हर दिन शाम चार बजे दर्ज किया गया था।

कितना अच्छा AQI है और कितना बुरा?
ध्यान दें कि एक्यूआई शून्य से 50 तक ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘मध्यम’, 201 से 300 तक ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’, 401 से 450 तक ‘गंभीर’ और 450 से अधिक तक ‘अति गंभीर’ माना जाता है। सोमवार को राजधानी में धुंध छा गई, जिससे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दृष्टि 800 मीटर और सफदरजंग वेधशाला की 600 मीटर रह गई।

राष्ट्रीय राजधानी में हवा की गुणवत्ता नवंबर 2023 से अब तक 10 दिनों में ‘गंभीर’ श्रेणी में रही है। नवंबर 2021 में दिल्ली की वायु गुणवत्ता 12 दिन तक गंभीर श्रेणी में रही, जबकि पिछले वर्ष नवंबर में यह तीन दिन तक रही। नवंबर 2021 में, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने वायु गुणवत्ता सूचकांक पर नजर रखने के बाद से, सबसे अधिक दिनों तक वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में था। CPCB के आंकड़ों के अनुसार, वायु गुणवत्ता नवंबर 2020 में नौ दिन, 2019 में सात दिन, 2018 में पांच दिन, 2017 में सात दिन, 2016 में 10 दिन और 2015 में छह दिन ‘गंभीर’ श्रेणी में रही।

दिल्ली सरकार और आईटीआई-कानपुर की एक संयुक्त परियोजना के अनुसार, बायोमास जलाना दिल्ली की खराब हवा का प्रमुख कारण था, जो पिछले कुछ दिनों में 31 से 51 प्रतिशत तक था। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने संबंधित निकायों और एजेंसियों को प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कठोर नियंत्रण करने और बायोमास जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए निर्देश दिए हैं।
 

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