हरभजन ने ट्वीट किया, ‘मुझे इतने सारे फोन आ रहे हैं कि पंजाब सरकार ने मेरा नाम खेल रत्न नामांकन से वापस क्यों ले लिया. सच ये है कि मैं खेल रत्न के लिये योग्य नहीं हूं जिसमें मुख्यत: पिछले 3 साल के अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन को देखा जाता है.’
40 साल के इस क्रिकेटर ने कहा, ‘पंजाब सरकार की इसमें कोई गलती नहीं है क्योंकि उन्होंने सही कारण से मेरा नाम हटाया है. मीडिया में मेरे दोस्तों से अनुरोध करूंगा कि अटकलें नहीं लगाएं.’
पंजाब के खेलमंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कहा कि हरभजन का ईमेल मिलने के बाद ही उनका नाम वापिस लिया गया. उन्होंने कहा, ‘हमने उनका नामांकन भेजा था लेकिन इससे पहले कि वह चयन समिति के पास जाता, हरभजन ने हमसे नामांकन वापिस लेने के लिए कहा.’ मुझे लगता है कि उन्होंने खेल रत्न के लिये भारत सरकार के मानदंड देखे होंगे,
या उन्हें ऐसा कुछ लगा होगा कि वह पात्रता के दायरे में नहीं आते या वह किसी और सम्मान के लिये आवेदन कर रहे हैं. वह हमसे जब भी कहेंगे, हम उनके नाम की अनुशंसा करेंगे क्योंकि वह टॉप खिलाड़ी और शानदार इंसान है.’
हरभजन को अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री से नवाजा जा चुका है. उन्होंने टेस्ट और वनडे में आखिरी बार 2015 में भारत का प्रतिनिधित्व किया है